चित्त प्रवाह!?

इतिहास युद्धों से भरा है अपनी अपनी नासमझी के कारण?!#अशोकबिन्दु

मौन ही हमें अनन्त सभ्यताओं से जोड़ सकता है!!
आत्मा, आत्माओं का जगत ही हमें असल से जोड़ सकता है।अन्यथा फिर नासमझी हमें विभिन्न स्तरों में बंट कर उसमें ही जीने को विवश कर देती है।प्रकृति की विविधता, हमारी आत्मा विमुख बुद्धि,मन,इंद्रियां आदि तो अनेक स्तरों में विभक्त करता है हमें।प्रेम में ही समाधान है, सागर में कुम्भ, कुम्भ में सागर की दशा, विविधता में एकता की दशा में समाधान हैं।हम विभिन्न स्तरों से ऊपर उठ कर नारद कल्चर में तारतम्य बैठा सकते हैं।सर्वव्याप्त गतिशीलता विभिन्न स्तरों के बाबजूद नारद कल्चर में ही सम्मननीय है।     #अशोकबिन्दु

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4 Comments

सार्थक अभिव्यक्ति

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Alka jain

01-Mar-2023 07:47 PM

Nice 👍🏼

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